Teen Taal – Détails, épisodes et analyse

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Teen Taal

Teen Taal

Aaj Tak Radio

Comedy

Fréquence : 1 épisode/7j. Total Éps: 254

Spreaker
Teen Taal is a witty, comedy oriented Hindi podcast where three musketeers talk about various issues with a pinch of humour and fun. The topic of conversation varies from politics, Indian society, jokes, Viral stuff on social media, food, movies and many more. Catch your share of fun every Saturday with Kamlesh Kishore Singh, Kuldeep Mishra & Asif Khan.


इस पॉडकास्ट के नायक और खलनायक हैं,तीन तिलंगे- कमलेश किशोर सिंह, आसिफ खान और कुलदीप मिश्र. ये तीनों लोग हफ़्ते की घटनाओं पर अतरंगी अंदाज़ में बातें करते हैं, ठहाकों के साथ और अपने अपने biases के साथ. ये पॉडकास्ट सबके लिए नहीं है. जो घर फूंके आपना, सो चले हमारे साथ. यानी वही लोग सुनें जिनका आहत होने का पैरामीटर ज़रा ऊंचा हो. हर शनिवार, आज तक रेडियो पर. जय हो.
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नकबंसा फाड़ गमक, कष्ट'मेलन की गंध और फुरसतगंज का मुख-सुख : तीन ताल, S2 Ep 67

samedi 31 août 2024Durée 02:30:08

• ताल सीजन 2 के 67वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप 'सरदार' और आसिफ़ 'खां चा', के साथ सुनिए :

- नाक-नाक जोक्स और साथ कंगना को RC क्या!

- कंगना रनौत का 'रनआउट' और ईमानदारी का असर

- पुतला लेके भागने वाली पुलिस और मूंछों वाला पुतला

- सिंबल माइंडेड लोग और बदतमीज़ देश का इलाज

- फुरसतगंज का मुख-सुख और फुलौरी बिना कइसे 'बनी'

- इंदिरा की गोद में राजीव और राहुल चौक की कहानी

- अथॉरिटी वाला नींबू और रातरानी की महक

- तमाम प्रकार की गंध और स्वाद का कनेक्शन

- प्यार की दुर्गंध और घर के बिस्तर की महीन बू

- अदृश्य गंध और गोबर की खुशबू

- इंडियन लोगों की गंध और जेनेटिक जुगाड़ का रोल

- कलकत्ता, मुंबई और बैंकॉक की स्मेल

- तेल गमकउआ और शैतान का पाखाना

- जादुई इत्र से आम की महक

- जानवरों की गंध और और कबाड़ी वालों से कुत्तों का कंपटीशन

- डायरेक्ट से थन से दूध और ट्रेन में मोजे की बदबू

- कथरी की स्मेल-मेमरी और मूतहे चद्दर की नींद

- टेस्टेरोन की गंध का मुहावरा और तौलिए की बत्तख

- 'कबीरा कंपनी ऑफ जेंटलमेन' का हिंदी अनुवाद

- दाल की छौंक और 'गंध का मामला है दिलबर'

- बारिश की गंध से बौराया हुआ बाबर

- जाफरानी जरदा की महक वाली महिलाएं

- तेलजले आशिक और पेट्रोल, थिनर और केरोसिन ऑयल की गंध

- 'मस्कमेलन' और 'पस्तमेलन' की गमक

- चारबाग स्टेशन पर मुतही महक और अस्पतालों की गंध

- सिनेमा हॉल की ठुस्की और नकबंसा-फाड़ गंधक

- मासूम रिश्वत और बालू का शाहीपन

- तीन तालियों की चिट्ठियां

औजार का चमत्कार, नेलकटर की आइस-पाइस और मछली की अंत्येष्टि: तीन ताल, S2 Ep 66

samedi 24 août 2024Durée 02:36:24

• ताल सीजन 2 के 64वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप 'सरदार' और आसिफ़ 'खां चा', के साथ सुनिए :

- भारत बंद में SDM सा'ब के साथ लाठी-ब्लंडर

- आरक्षण का गिरगिट बीजेपी-पीडीए की रेसिपी 

- दिलीप मंडल का बदलाव और स्पूफ वर्ड का फोबिया

- कोलकाता डॉक्टर-केस में समाज का दोगलापन

- कड़े कानून का लूप होल और परिवर्तन का तरीका

- चुप्पी की कॉन्सपिरेसी और इज्जत के असल मायने 

- बलात्कार जैसी घटनाओं पर समाज की हिपोक्रेसी 

- औज़ारबक्से का सौन्दर्य और टूल का आकर्षण

- टेस्टर से फ्यूज़ जांचने और उड़ाने की कहानी

- घोड़ी का सीक्रेट स्ट्रगल और ट्यूबलाइट चबाने का शौक
 
- शॉक लगने से फेंका जाने तक की कहानी 

- कुछ भी खोल देने की इच्छा और पेंचकस का खेल 

- साइकिल की ओवरहॉलिंग और कुत्ता फेल होने की कहानी 

- स्टार मुंह वाला पेंचकस और मेंटल जलाने की कला

- मिस्त्रियों की डेढ़ इंची वाली भाषा और पंखा चलाने की मज़ा

- संघर्ष का टेप और मछली की अंत्येष्टि
 
- घड़े में स्टीरियो इफेक्ट और तीन ताल का फ़्यूज़ कंडक्टर

- बिजली का झटका और शून्य का एहसास 

- चुंबक की चाह और कैंची की क्वालिटी 

- कहीं भी कील गाड़ने वाले हथौड़ा त्यागी

- फावड़ा, सब्बल, कुदाल और खंती की कहानियां

- सद्दी, वाशर और क्लैंप की कथा

- नेलकटर की आइस-पाइस और बेलचा से मर्डर 

- अच्छे कसाई की पहचान और रंदा मार बतकही 

- कुल्हाड़ी का सरनेम है तो कटार क्यों नहीं? 

- अंत में टीटी स्टाफ की चिट्ठियां 

•  प्रड्यूसर : अतुल तिवारी

• साउंड मिक्स : नितिन रावत

तंदूर की तानाशाही, राजमा का घमंड और अपना अपना तड़का: तीन ताल, S2 E57

samedi 22 juin 2024Durée 02:49:32

तीन ताल सीजन 2 के 57वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', कुलदीप 'सरदार', पुष्पेश पंत 'गुरु' और आसिफ़ 'खां चा' के साथ सुनिए:

- पुष्पेश शब्द का अर्थ और प्रोफ़ेसर पंत का फ़ेवरेट पुष्प

- बुरांश की वाइन भी कोई वाइन है महाराज

- राहुल गांधी का विट और मांसाहारियों को मैसेज

- मछली मांस नहीं, जल का फल है और 124 बकरों का क्या करेंगे जैन साहब

- वायनाड से चुनाव लड़कर प्रियंका कैसे इंडियन मिडिल क्लास वैल्यूज का सम्मान कर रही हैं

- अलका याग्निक की बीमारी और संगीतकार के लिए न सुन पाना कितनी बड़ी चुनौती 

- मटकाफोड़ प्रदर्शन की नवैयत

- भोजन कितना ज़रूरी है और उपनिवेशवाद-साम्राज्यवाद की जड़ में खाना क्यों है

- पुतिन और किम जोंग उन को ताऊ का न्योता 

- मुगलिया खाना और रोगन का जोश, तंदूर और करी का इतिहास 

- करी-कढ़ी का फ़र्क़ और दिल्ली में पानी का संकट 

- गर्मी के ड्रिंक्स और शरबत जिनको हम भूल गए हैं 

- चटनी राहत जान, शरबत - ए - शिकंजवी और जैन शिकंजी का मसाला

- छौंक, तड़का और बघार का रहस्य, खाना बनाने वाले हाथ-हाथ का फ़र्क़ 

- सबसे बुरा मसाला और मसालों को इस्तेमाल करने की तमीज़ 

- गरम मसाले को घर पर कैसे बनाएं, जावित्री और जायफल के उपयोग की शर्तें

- तीन चीज़ें हिन्दुस्तान के खाने में बड़ा कहर ढाती हैं

- फ्राइड खानों की आसक्ति और विरक्ति, पूड़ी का बेस्ट साथी, स्वाद और मेमोरी का संबंध

- पहाड़ का बड़ा गर्क करने वाले तीन ब्राह्मण

- नाश्ते का रिवाज़ कहां से आया और सबसे शानदार नाश्ते कौन से हैं  

- स्टार्टर और ऐपेटाइज़र का फ़रेब, बिरायानी-पुलाव की डिबेट

- हिंदुस्तान की लॉस्ट रेसिपीज़ को सहेजने का उपक्रम 

- राजमा का घमंड, गोभी का भ्रम और ये हिंदुस्तान तक कैसे पहुंची 

- स्वाद और भोजन की प्रवृत्ति के आधार पर होना चाहिए राज्यों का विभाजन

- हर 10 किलोमीटर पर क्यों बदल जाता है समोसे का स्वाद और समोसों का निराला संसार

- पहली पहली बार पान क्यों खाते थे लड़के, पान खाने का तरीक़ा, पान खाने की संस्कृति शऊर

- बिज़ारोत्तेजक ख़बर में सुनिए  जंगल की फायर लाइन, दावनल का मर्म और जंगलों में जानबूझकर क्यों लगाई जाती है आग

- जंगल का फायर ऑफिसर, प्रॉपर गैंडा और प्रोपोगैंडा

- प्रतीकों की पॉलिटिक्स और प्रतीकात्मक प्रतिरोध

और आख़िर में प्रिय तीन तालियों की प्रेमपूर्ण चिट्ठियां 

प्रड्यूसर: अतुल तिवारी / कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग: कपिलदेव सिंह

खपरैल पर चलने का हुनर, छाता कैसे पकड़ें और Hi-Hello का मर्म: तीन ताल, Ep 93

samedi 23 juillet 2022Durée 01:48:04

तीन ताल के 93वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

- आज तक रेडियो के नए रिकॉर्डिंग स्टूडियो का चित्रण

- बाबा और ताऊ आजकल क्या देख रहे हैं

- Peaky Blinders की मज़ेदार देसी व्याख्या

- बाहर की कॉमेडी क्यों बाबा के पल्ले नहीं पड़ती

- सावन पर बाबा की टेक और पानी क्यों उत्साहित करता है

- सावन में ताऊ की कांवड़ यात्रा और घुघनी का सेवन

- शहरों की बारिश और ट्रैफिक जाम

- बारिश का साग जो बाबा चाव से खाते हैं

- बरसात के मौसम में बचपन में इरिटेट करने वाली चीज़ें जो मिस करते हैं

- बारिश में चाय पकौड़े क्यों पसंद आते हैं

- शहर की बारिश में बाबा क्या करते हैं

- लोहागढ़ में ताऊ का कागस्नान और तेज़ बहाव में तैरने की बेक़रारी

- गोंडा में इंद्रदेव के खिलाफ शिकायत क्यों दर्ज हुई

- खपड़े के प्रकार, इसको बनाने की प्रक्रिया और इस पर चलने का हुनर

- छाते की विकासयात्रा, शिमला के छाते और इसको पकड़ने का तरीक़ा

- गांवों के पायदान और कौन से पायदान अच्छे

- बारिश कराने और रोकने के टोटके, सियार-सियारिन की शादी वाली बारिश

- बरसात के यूज़लेस चप्पल और प्लास्टिक के जूते

- एक किताब और लंबी ट्रेन यात्रा का रेकमेंडेशन

- Hi, Hey, Hello का मर्म और बनारस के संबोधन

- आप और तुम के प्रयोग

- स्पर्श की असहजता, घुटने छूकर इम्पोर्टेंट बात बताने वाले लोग

- खाली 'डियर' का इस्तेमाल क्यों न करें

- महिलाओं के संबोधनों में आने वाले रिश्ते

- संबोधनों में घुसे अंग्रेजी के शब्द जो अटपटे लगते हैं

- और आखिर में तीन तालियों की चिट्ठियां

प्रड्यूसर - कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत

संसद का ‘वर्ड वॉर’, श्रीलंका में ‘माचा माचा’ और अच्छे रेस्तराँ के गुण: तीन ताल, Ep 92

samedi 16 juillet 2022Durée 01:51:03

तीन ताल के 92वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

- श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन में घुसे आम लोगों की तस्वीरों को देखकर ताऊ और बाबा को कैसा लगा

- राजपक्षे को लेकर ताऊ और बाबा की तुकबंदी

- ताऊ और बाबा के श्रीलंका भ्रमण के अनुभव, सबसे रोचक दृश्य और 'माचा-माचा'

- संसद की कार्यवाही से निकाले गए शब्दों की नवैयत

- ताऊ ने इसे टेक्स्ट नहीं कॉन्टेक्स्ट का मसला क्यों कहा

- संसद के गिरगिट, गधे और क्लासिक ह्यूमर

- जयचंद के साथ इतिहास में क्या बुरा हुआ है

- संसद की कार्यवाही से कुछ शब्दों को निकालना कैसा षड्यंत्र है

- मॉनसून सेशन को लेकर ताऊ का तंज़ और सरदार का अवधी खेल

- गुजरात में फेक आईपीएल से ठगी करने वालों को क्यों इनाम मिलना चाहिए

- ऑटो में 27 लोग को बिठाने की कहानी सच है या नहीं

- पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सीट को लेकर संघर्ष और 'एडजस्ट कर रहे हैं' वाला जवाब

- खाने के बढ़िया ठिकानों की पहचान कैसे करें

- रेस्तराँ जाएं तो खाने से पहले इन चीज़ों पर ध्यान दें

- ताऊ ने सुनाई कनॉट प्लेस के काके दा ढाबा की कहानी

- खाकर हाथ धोने के बाद उंगलियों से पानी उड़ाने वालों को क्या सज़ा मिलनी चाहिए

- कुल्ली करने वालों पर ताऊ की टिप्पणी और पका हुआ खाना क्यों नहीं खरीदते बाबा

- बाबा को ऑनलाइन रेटिंग पर क्यों भरोसा नहीं है और फाइव स्टार होटलों में खाना बनाने की धमकी

प्रड्यूसर - कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत

91 के कीवर्ड्स, देसी सेल्समैन का हुनर और लंगूरों की दबंगई: तीन ताल, Ep 91

samedi 9 juillet 2022Durée 02:01:26

तीन ताल के 91वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

- 91 को देखकर बाबा को क्या याद आता है, 1991 में बाबा कहाँ थे

- 91 के कीवर्ड्स, खाड़ी युद्ध की बातें और मिसाइलों को ब्रह्मास्त्र मानते लोग

- 91 का उदारीकरण और इसका तिपहिया वाहन

- उदारीकरण के बाद कैसे सरस्वती और लक्ष्मी साथ साथ चलने लगी

- प्री-उदारीकरण के बंधन और अमेरिका को क्यों माना जाता था विलेन

- राजीव गाँधी की हत्या के बाद सियासत में आने से क्यों कतरा रहा था गांधी परिवार

- प्राइवेटाइजेशन को लेकर लोग असहज क्यों होते हैं और सरकारी नौकरियों की तरफ क्यों भागते हैं

- सरकार को लेकर ताऊ की किस बात से असहमत हुए बाबा

- पूंजीवाद और समाजवाद की ज़ंजीर और अमेरिकन इकोनॉमी मॉडल पर ताऊ और बाबा के विचार

- मारकिन कपड़े का माहात्म्य और ताऊ का अमेरिका प्रेम

- बाबा ने भारत को 'जमूरे मदारी में फंसा देश' क्यों बताया

- रोचक सेल्समैन, आयोजनों के विदूषक और अखाड़े के टिटिहरी

- बार्गेन का आर्ट, ह्यूमर और ख़ुशी ख़ुशी जाओ वाला भाव

- मॉल कल्चर के सेल ऑफर में बार्गेनिंग का बदला स्वरूप

- ताऊ ने क्यों कहा कि दूसरे को हँसाना मनुष्य का उद्देश्य है

- 'प्रिंसेस ऑफ़ टिकारी' के साथ ताऊ का एक्सपेरिमेंट और मुस्कुरा के बेचे गए प्रॉमिस

- सूंघ कर पता लगाने वाले सेल्समैन और चूड़ी बेचने वालों का ट्रैप

- चांदनी चौक के दुकानों की कहानी, बाबा की ज़ुबानी

- प्रेमिका की सलाह पर उसकी मांग भरकर पिटने वाले युवक की नादानी, ताऊ के मित्र के पकड़ौआ विवाह की कहानी और हरनौत के लोगों का पानी

- संसद से बंदर भगाने के लिए लंगूर की आवाज़ निकालने वाले लोग और एक फिल्म रेकमेंडेशन

- बंदरों को भांग वाली रोटी क्यों खिलाते थे ताऊ और उससे पैदा हुए हास्य

- लंगूरों की दबंगई, एक बच्ची को उठा ले जाने वाले लंगूर की घटना और उसका ताऊ के ऊपर असर
- और तीन तालियों की चिट्ठी और प्रतिक्रियाएं.

प्रड्यूसर - शुभम तिवारी & कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत

उदयपुर घटना की जड़, ग़ायब होती डिटेलिंग और खुले में सोच के नुक़सान: तीन ताल, Ep 90

samedi 2 juillet 2022Durée 01:53:28

तीन ताल के 90वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

-असली तीन ताल क्यों 90वें एपिसोड के बाद खुलेगा? शिव सेना कहें या शिंदे सेना? ताऊ ने उद्धव ठाकरे और शिवसेना पर बाबा से उलट भविष्यवाणी की.

-उदयपुर नृशंसता की जड़ कहां है? तथाकथित मूल्यों का लबादा ओढ़े समाज की सोच क्यों अब भी कबीलाई है? आदमी में सतत बदलाव और आदमी के बदलने के बीच का फ़र्क़.

-दण्ड और मानवीयता का घालमेल. सर कलम करना 'इस्लाम' सिखाता है या नहीं? तथाकथित एडवांस्ड देशों की गंदगी.

-इस्लाम को किस तरह के आत्मावलोकन की ज़रूरत. किस बात पर आख़िर पार्टिशन हो गया? नफ़रत का समाधान क्या है? ताऊ क्यों धर्म को एन्जॉय करते हैं?

-क्या समाज डिटेलिंग विहीन हो रहा है?
मिनिमलिस्ट होना क्या है. मिनिमलिस्ट होने की कीमत. मिनिमम का मैक्सिमम क्या होता है?

-जीवन में कंट्रास्ट और यूनीकनेस की अनिवार्यता. गांव के घरों की डिजाइनिंग. क्या डिजाइन की मौत होने वाली है?

-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठी और प्रतिक्रियाएं.

प्रड्यूसर - शुभम तिवारी & कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत

डेमोक्रेसी का ‘एकनाथ’, बहरों की दुनिया और दो मिनट वाली इमरजेंसी : तीन ताल, Ep 89

samedi 25 juin 2022Durée 02:04:08

तीन ताल के 89वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

-आधारकार्ड से बेहतर क्यों है विक्टिमकार्ड? ताऊ ने क्यों 'लोकतंत्र' को लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं कहा.

-उद्धव ठाकरे के कन्फ्यूजन की वजह. भारतीय लोकतंत्र में 'ठोकतंत्र' की शुरुआत कब से हुई?

-ताऊ ने शेर, बकरे और भेड़ के सहारे महाराष्ट्र की एक कहानी सुनाई. क्यों राष्ट्रीय राजनीति में सिर्फ़ लालू यादव के पास बारगेनिंग पॉवर?

-बहरेपन पर आई फ्रांस की एक स्टडी के बहाने भारतीय समाज के लाउडनेस पर बात. 'बहरा समाज' किसके लिए वरदान और किस के लिए अभिशाप?

-बहरा और 'सुन बहरा' का फ़र्क़. बाबा को हेडफोन से क्यों चिढ़ और ताऊ की हेडफोन से दूरी बनाने की सलाह.

-सुनने की शक्ति हासिल करने के टिप्स. ताऊ किसे बोलते थे कान साफ करवाओ? ऊंचा सुनने वालों पर हंसे या नहीं?

-इमरजेंसी होता है या मर्जेन्सी? इमरजेंसी के लौकिक अर्थ पर बात. थोड़ी देर मतलब कितनी देर होता है? बाबा ने क्यों फेसबुक पर लिखने से मना किया.

-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठी और प्रतिक्रियाओं के बहाने मम्मी की कुटाई के किस्से.

प्रड्यूसर - शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग - अमृत रज़ी.

कांग्रेस का ‘इलेक्टाइल डिसफ़ंक्शन’, प्रोटेस्ट के अलबेले किरदार और जवानी के झामफाड़ गाने: तीन ताल, Ep 88

samedi 18 juin 2022Durée 02:15:06

तीन ताल के 88वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

- देश का राष्ट्रपति कैसा होना चाहिए, प्रेसिडेंट कुर्ता-पायजामा क्यों नहीं पहनते और कोई युवा भारत का राष्ट्रपति क्यों नहीं बनता? 

- बाबा बचपन में राष्ट्रपति मगर बड़े होकर राष्ट्रपति के चीफ़ शेफ क्यों बनना चाहते थे?

- ताऊ ने ED का असली मतलब क्या बताया?

-.पिछले एक हफ़्ते में हुए प्रोटेस्ट्स की दो सबसे मज़ेदार तस्वीरें कौन सी हैं?

- बाबा ने कांग्रेस के प्रोटेस्ट को बिना पकी उड़द की दाल क्यों बताया.

- राहुल गांधी कहां चूक गए और अपनी दादी से क्या सीख सकते थे.

- बाबा ने 'अग्निवीर' प्रदर्शनकारियों से कौन सा गाना बजाकर नाचने को कहा.

- ताऊ ने अग्निपथ स्कीम पर क्या कहा और इसकी टाइमिंग को ग़लत क्यों बताया.

- बीजेपी के क्रिएटिव प्रोटेस्ट और कांग्रेस पीछे क्यों रह जाती है.

- प्रोटेस्ट के प्रकार, किरदार और नारावीर.

- प्रोटेस्ट में ताऊ के पिटने और फिर चायवाले की ताऊ के हाथों कुटाई की कहानी.

- प्रोटेस्ट में जाने के इनसाइडर टिप्स और मुफ़ीद कपड़े.

- बिज़ार ख़बर में प्रेमी की बेवफ़ाई पर चर्चा, साथ जीने-मरने पर ताऊ की टेक और यमुना पर मुक़दमें की मांग.  

- यौम-ए-मौसीक़ी पर मधुमय चर्चा, लड़कपन में ताऊ और बाबा के फ़ेवरेट गाने.

- जवानी की दहलीज पर क़दम रखते सरदार कौन से गाने गाते थे.

- रफ़ी की नक़ल करने वाले सिंगर्स ताऊ को पसंद क्यों.

- मुन्ना अज़ीज़, शब्बीर कुमार और अनवर हुसैन के गानों पर चर्चा और गोविंदा की वो फ़िल्म जो ताऊ कभी भी देख सकते हैं

-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठियाँ.

प्रड्यूसर - कुमार केशव 
साउंड मिक्सिंग - अमृत रेजी.

अरब का वितंडा, पुराने ज़माने की कुटाई और गर्मी की छुट्टियों के मतलब: तीन ताल, Ep 87

samedi 11 juin 2022Durée 02:30:47

तीन ताल के 87वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:

- सत्ता के गलियारे होते हैं या नहीं?

- क्या अरब कंट्रीज़ कहीं का गुस्सा कहीं निकाल रहे हैं और नूपुर शर्मा की असल सज़ा क्या है .

- धर्मनिरपेक्षता के लिए सहिष्णुता क्यों ज़रूरी है, अच्छे हिंदू और मुसलमान बनने से पहले अच्छा इंसान बनने पर ज़ोर क्यों हो.

-.ताऊ ने मुसलमानों और हिंदुओं से क्या फ़ॉलो करने को कहा.

- कबीर अभी होते तो क्यों कूटे जाते, ताऊ के हिसाब से देश के दो सबसे बड़े फ्रिंज कौन हैं और तीन ताल में फ्रिंज पर इतनी चर्चा क्यों हुई?

- सरदार की फ्रिंज कॉमेडी, दुनिया की सबसे बड़ी प्रॉब्लम और गुजरात के जमण, भ्रमण और रमण के मतलब.

- बाबा ने बुल्डोज़र को क्या हिंदी नाम दिया और 'भेड़िया आया, भेड़िया आया' से इसे क्यों जोड़ा?

- ताऊ के यमराज शिक्षक, बचपन की कुटाई के क़िस्से और थप्पड़ का दुलार.

- बच्चे की चमड़ी मोटी क्यों करनी चाहिए और बाबा के मार खाकर नौटंकी देखने की कहानी.

- पड़ोसियों के लिए बाबा की विशेष संज्ञा और ताऊ का सिनेमा देखने का 'कुटाई-फ़्री' जुगाड़.

- पुराने ज़माने की पिटाई, पीटने के शौक़ीन शर्मा जी और हैंडलूम-पावरलूम बच्चों का अंतर.

- बाबा के 'आइंस्टीन' दोस्त और ताऊ के मास्टर साहब जो बच्चों की नाभि मरोड़ देते थे.

- बच्ची के हाथ-पैर बांधकर धूप में छोड़ देने वाली मां के लिए ताऊ और बाबा ने क्या कहा?

- बिज़ार ख़बर में बिहार में झपटमारी के स्टार्टअप पर चर्चा.

- मच्छरों और चोरों में क्या समानता है और छिनतई पर बनी एक फिल्म जिसे ताऊ ने रिकमेंड किया.

- छुट्टियों के प्रकार और किन छुट्टियों को बाबा छुट्टी नहीं मानते.

- छुट्टियों के लिए बाबा की फ़ेवरेट जगह और ज़रूरी टिप्स.

- समुद्र देखने कब जाएं और ताऊ को पहली बार समुद्र देखने पर क्या रियलाइज़ हुआ?

- बाबा बनारस में क्या करने जाते हैं और ताऊ का कन्फेशन.

- ताऊ ने देश भर के लोगों से क्या अपील की और बचपन की छुट्टी, बचपन की छुट्टी क्यों नहीं होती?

- गर्मी की छुट्टियों के मतलब, सबसे बुरे कांटे और बाबा के कॉन्ट्रडिक्शन्स.

-और आख़िर में तीन तालियों की चिट्ठियाँ.

प्रड्यूसर - कुमार केशव
साउंड मिक्सिंग - अमृत रेजी.

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